India in Pitru paksha has a unique significance, this period is dedicated to our ancestors. Pitru Paksha will start from 29 September 2023 and end on 14 October 2023
पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म में पूजा और श्राद्ध का एक महत्वपूर्ण पर्व है जिसे पितृ तर्पण के रूप में मनाया जाता है। यह श्राद्ध पक्ष के दौरान अबला पितरों (अपने पूर्वजन्मों के पितरों) की आत्मा को शांति प्रदान करने का समय माना जाता है।
- पितृ पक्ष 2023 की तिथियां: पितृ पक्ष 2023 20 सितंबर से लेकर 6 अक्टूबर तक है। इस दौरान यह श्राद्ध का समय होता है।
- पितृ पक्ष में श्राद्ध की विधि: पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध की विशेष विधि और नियम होते हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण नियमों का उल्लेख है:
- श्राद्ध के लिए तैयारी: पितृ पक्ष के दौरान, परिवार के वृद्ध व्यक्तियों के लिए श्राद्ध की तैयारी की जाती है। यह श्राद्ध के लिए अन्न, फल, दाने, और पिंड की तैयारी शामिल होती है।
- पितृ पूजा की तिथि: श्राद्ध की तिथि तय करने के लिए पंचांग का आदान-प्रदान किया जाता है। पितृ पक्ष के दौरान कुछ विशेष तिथियां होती हैं जब श्राद्ध किया जा सकता है।
- श्राद्ध का आयोजन: श्राद्ध की पूजा एक विशेष विधि के साथ की जाती है, जिसमें पितृ की पूजा, मंत्रों का पाठ, और पिंड दान शामिल होते हैं।
- दान और दान की प्रथा: पितृ पक्ष के दौरान दान और दान करने की प्रथा भी होती है। लोग गरीबों को भोजन, वस्त्र, और धन देते हैं।
- पितृ पक्ष का महत्व: पितृ पक्ष का महत्व है क्योंकि यह पर्व परिवार के पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है। इसके माध्यम से लोग अपने पितरों को याद करते हैं और उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने का संकल्प लेते हैं।
पितृ पक्ष के दौरान यह जरूरी है कि श्राद्ध की विधियों का पालन करें और यह अपने धार्मिक गुरु या पंडित की सलाह लेकर करें। यह पर्व दिनों तक चलता है और परम्परागत धार्मिक मान्यताओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है।